सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में रिश्वत लेते दो पुलिसकर्मी गिरफ्तार, भ्रष्टाचार पर प्रशासन की कड़ी कार्रवाई

सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में पुलिस विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की एक और गंभीर घटना सामने आई है। एन्टी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने सरसीवां थाना में पदस्थ दो पुलिसकर्मियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। गिरफ्तार किए गए पुलिसकर्मी प्रधान आरक्षक सुमत डहरिया और आरक्षक कमल किशोर हैं, जिन्होंने एक परिवारिक विवाद को रफा-दफा करने के बदले में 18,000 रुपये की रिश्वत मांगी थी।
घटना की शुरुआत ग्राम गिरसा के निवासी महेन्द्र साहू की शिकायत से हुई, जिन्होंने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने उनके पारिवारिक विवाद को सुलझाने के लिए रिश्वत की मांग की थी। महेन्द्र ने पहले ही 1,500 रुपये पेटीएम के माध्यम से और 5,000 रुपये नगद अदा किए थे, लेकिन 12,500 रुपये की अतिरिक्त राशि के लिए दबाव बना रहे थे। इस पर महेन्द्र ने एसीबी से संपर्क किया और अधिकारियों ने ट्रैप योजना बनाकर दोनों पुलिसकर्मियों को 10,000 रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया।
एसीबी ने इस मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दोनों आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इस कार्रवाई से पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रशासन की सख्त कार्रवाई और भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करने के लिए आम जनता को प्रेरणा मिलेगी।
पेटीएम से भी रिश्वत की मांग
यह मामला इसलिए भी चौंकाने वाला है क्योंकि आरोपी पुलिसकर्मी ऑनलाइन भुगतान माध्यम पेटीएम से भी रिश्वत ले रहे थे। इससे यह साफ होता है कि रिश्वतखोरी में अब कोई रोक-टोक नहीं रही है और पुलिसकर्मी अवैध उगाही के लिए हर संभव तरीका अपना रहे हैं।
स्थानीय पुलिसकर्मियों की मनमानी पर सवाल
यह घटना इस बात को भी उजागर करती है कि सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के पुलिसकर्मी पिछले कई वर्षों से यहां पदस्थ हैं, जिनकी मनमानी लगातार सामने आ रही है। सरसीवां थाना में पदस्थ प्रधान आरक्षक सुमत डहरिया और आरक्षक कमल किशोर दोनों ही उसी क्षेत्र के निवासी हैं, जिसके चलते स्थानीय मामलों में उनके दखल की शिकायतें पहले भी आई हैं। प्रशासन से इन पुलिसकर्मियों की कार्यशैली पर पुनः समीक्षा की उम्मीद जताई जा रही है, ताकि जिले में कानून व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सके।
इस घटना के बाद पुलिस विभाग की वर्दी पर दाग लगने के साथ ही, क्षेत्र में अन्य पीड़ितों को भी भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने का साहस मिलेगा। मामले की आगे जांच जारी है और आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा रही है।