जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित बच्चों को नई ज़िंदगी, चिरायु योजना से हुआ सफल ऑपरेशन

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत 6 बच्चों का निःशुल्क इलाज, अब स्वस्थ और प्रसन्न
बच्चों को जीवनदान देने वाली योजना
सारंगढ़-बिलाईगढ़, 12 जुलाई 2025 – जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत संचालित चिरायु योजना एक बार फिर संजीवनी साबित हुई है। इस योजना के माध्यम से जिले के छह बच्चों का निःशुल्क ऑपरेशन कर उन्हें जीवन का नया अवसर मिला है।
स्वास्थ्य जांच से लेकर इलाज तक, संपूर्ण प्रक्रिया मुफ्त
चिरायु योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की नियमित स्वास्थ्य जांच की जाती है। स्क्रीनिंग के बाद चिन्हित बच्चों को निःशुल्क इलाज और ज़रूरत अनुसार रेफर कर उनका समुचित उपचार सुनिश्चित किया जाता है। जिले में यह पूरी प्रक्रिया कलेक्टर डॉ. संजय कन्नौजे के निर्देशन और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एफआर निराला के मार्गदर्शन में संचालित हो रही है।
दिल में छेद वाले बच्चों की हुई पहचान और सर्जरी
स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान चिरायु टीम ने दिल में छेद (हृदय दोष) वाले बच्चों को चिन्हित किया। इसके बाद उनका श्रीबालाजी इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, रायपुर में सफल ऑपरेशन निःशुल्क कराया गया। इन बच्चों में शामिल हैं:
- सरिता विश्वकर्मा, 10 वर्ष – अमलीपाली (ब), सारंगढ़
- नेहा निषाद, 10 वर्ष – छिंद, सारंगढ़
- गरिमा लहरे, 5 वर्ष – चुरेला, सारंगढ़
- दृष्टि बरेठ, 4 वर्ष – बरदुला, सारंगढ़
- आँचल सिदार, 10 वर्ष – भंवरपुर, बरमकेला
- इशिका बरिहा – विक्रमपाली, बरमकेला
अब ये सभी बच्चे स्वस्थ हैं और सामान्य जीवन जी रहे हैं।
चिरायु टीम की सराहनीय भूमिका
जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य परीक्षण कर बच्चों की बीमारी को पहचानने में चिरायु टीम के डॉक्टरों की भूमिका अहम रही। ऑपरेशन से लेकर इलाज तक की निगरानी भी टीम द्वारा की गई ताकि कोई बच्चा इलाज से वंचित न रहे।
प्रशासन की सक्रियता बनी प्रेरणा
कलेक्टर डॉ. कन्नौजे ने सभी बच्चों की जांच और समय पर इलाज सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। वहीं सीएमएचओ डॉ. एफआर निराला बच्चों के इलाज की मॉनिटरिंग कर योजना के संचालन में सतत रूप से जुड़े हैं। उनका प्रशासनिक सहयोग ही योजना की सफलता की कुंजी बना है।
सरकारी योजनाएं जब ज़मीनी स्तर तक प्रभावशाली ढंग से पहुँचती हैं, तो न केवल बीमार बच्चों को राहत मिलती है, बल्कि समाज में भरोसे की एक नई नींव भी बनती है। चिरायु योजना का यह सफल उदाहरण आने वाले समय में और भी कई बच्चों के जीवन में नई रोशनी लेकर आएगा।