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छ.ग.शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालकों का छ:सूत्रीय मांग पर सारंगढ़ में धरना प्रदर्शन

“प्रखरआवाज@न्यूज़”

सारंगढ़ न्यूज़/ छत्तीसगढ शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालक विक्रेता कल्याण संघ के आहवाह्न पर प्रदेश के सभी जिलों में शासकीय उचित मूल्य दुकानो की समस्याओं को लेंकर संघ के सभी विक्रेता ,संचालको के द्वारा छः सूत्रीय मांग को ले कर शांति पूर्ण ढंग से धरना प्रदर्शन किया !

प्रदर्शन कारियो ने कहा की जब से इपोस से वितरण व्यवस्था शासन ने लागू किया गया है तब से सर्वर की समस्या के कारण माह में राशन सामग्री का वितरण पूर्ण नही हो पा रहा है जिस कारण से विक्रेता एवम हितग्राहियों के बीच विवाद की स्थिति उत्पन्न हो रही सर्वर की समस्याओ का निराकरण हुआ ही नहीं है, कि राशन सामग्री कटौती कर दुकानों में 2017 से भौतिक सत्यापन नही होने की वजह बता कर कटौती कर दिया गया !

कहा की शासन के द्वारा वितरण व्यवस्था में पारदर्शिता लाने नए नए तकनीक का इस्तमाल किया जा रहा है किंतु विक्रेताओं को बिना ट्रेनिग दिए नवीन मशीनों को चलाने के लिए थोप दिया जा रहा !जिस कारण कई प्रकार की तकनीकी समस्या के कारण वितरण पूर्ण नही हो पाता है जो की दुकानों में शेष स्कंध के रूप में दिख रहा है,पूर्व संचालित संस्था ,समूहों, के द्वारा दुकान निरस्त होने के बाद शेष स्कंध को वर्तमान संचालित संस्था समूहों को सुपुर्द नहीं किया गया जिसकी दस्तावेज सहित खाद्यनिरीक्षक को प्रस्तुत किया गया जिस पर किसी प्रकार की राहत न मिलना जैसे समस्या उत्पन्न हो रही है।

आगे कहा की इस समस्या का निराकरण हुआ नहीं था, की बीना किसी पूर्व सूचना के इपोस में कांटा कनेक्टवीटी कर दिया गया जबकि सभी दुकानों को छः माह पूर्व शासन के द्वारा प्रदाय किया गया था ,जिसमे अनेक प्रकार की खामियां थी, जैसे बैटरी खराब, डिस्प्ले खराब वजन में अंतर जिसको बिना ठीक किए कांटा कनेक्ट कर दिया गया !जिसके कारण एक कार्ड को एंट्री कर समान देने में 15 से 20 मिनट का समय लग जा रहा है, अगर सर्वर खराब हो जाए तो फिर और अधिक समय लग जाता है ,विगत 2 – 3 माह से सर्वर की समस्या अत्यधिक बनी हुई है जिसका सुधार करने में असफल है और कांटा को जोड़ दिया गया जिसे किस प्रकार संचालित करना है उसकी ट्रेनिंग नहीं दिया गया।

जब की कई समूह संस्था के संचालक विक्रेताओ को चलना नही आता,समूह की महिलाए पढ़ी लिखी नही होने के कारण एपोस चलने के लिए अलग से अपने खर्च पर आपरेटर रखना पड़ गया इस प्रकार से शासन प्रशासन के द्वारा दुकानों में आर्थिक बोझ दे दियागया , करोना काल से ही निः शुल्क वितरण शासन के द्वारा कराया जा रहा है किंतु कमीशन की राशि को दो वर्ष बीत जाने के बाद भी पूर्ण कमीशन की राशि समितियों को नहीं दिया गया है जिसके कारण विक्रेताओं को अपना एवम अपने परिवार का भरण पोषण करने में बहुत ही कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।जिस पर शासन को ध्यान देने की आवश्यकता है ,वर्ष 2018- 2019 एवम 2020-2021 में धान खरीद के लिए सा. उ. मू.की दुकानों से खाली बरदाना को शासन के द्वारा कानून बना कर लिया गया जिसकी राशि आज पर्यंत तक नही दिया गया है ।सभी पूर्व शेष कमीशन,वित्तीय पोषण, इपोस संचालन की राशि जैसे अनेक प्रकार की राशियों को समितियों को देने है, उक्त राशि को जल्द से जल्द संस्था के खाते में सीधे दिया जाए न की अन्य विभागों के मध्यम से दिया जाए क्योंकि अन्य विभाग के मध्यम से देने पर उक्त राशि को संस्था समूह तक पहुंचने 4 से 6 माह तक का समय लग जाता है संघ के द्वारा मांग किया गया है ,उक्त राशि को सीधे संस्था समूह के खाते में दिया जाए।

ब्लॉक अध्यक्ष आशीष कुर्रे ने कहा की वर्तमान में राज्य सरकार के द्वारा 2004 से समितियों को 30 रुपए प्रति कुंटल की दर से कमीशन दिया जा रहा है, जिसमे सभी खर्च, नुकसान की भरपाई तौल वाहक को तनखा,एवम विक्रेताओं की तनखा,सहित समस्त खर्च जुड़ा हुआ है, जिस पर दुकान चलाना संभव नहीं है जिसके लिए संघ के द्वारा मांग किया जा रहा है, देश के कई राज्यों में मानदेय की व्यवस्था लागू है एक राष्ट्र एक कार्ड की योजना पूरे देश में चल रहा है जिस पर विचार करते हुए एक राष्ट्र एक मानदेय लागू करे छत्तीसगढ़ सरकार की महत्व कानछी योजना के तौर पर देश में विख्यात है जिनका श्रेय अगर किसी को मिलना चाहिए तो वो हमारे संचालक , विक्रेता साथी है, जिस पर विचार करते हुए शासन हमे कर्मचारी मान कर काम कराया जा रहा है वैसे ही सम्मान जनक मानदेय लागू करे। 30,000 मानदेय लागू करे जिसे सीधे संचालक विक्रेता के खाते में दिया जाए या 300 रुपए प्रति कुंटल की दर पर कमीशन कि राशि में वृद्धि किया जाए जिस प्रकार अन्य राज्यो में है, ताकि हमारे विक्रेता साथियों को अपने परिवार का पालन कर सके कुछ स्थिति में सुधार हो सके।

वही जनप्रतिधि रामकुमार थूरिया ने कहा की हमारे संघ के द्वारा यह भी मांग करते हैं की एक मुस्त भंडार करने के कारण अलग अलग हितग्राहियों को तौल कर देने के कारण कमी हो जाता है ,जिसकी भरपाई करने के लिए 3 प्रतिशत की अतरिक्त आबंटन सुखत के रूप में या कमी की भरपाई करने को दिया जाए ताकि दुकानों में वितरण में हो रही कमी को पूरा किया जा सके।संघ यह भी मांग करता है, की जिस प्रकार हितग्राहियों को सही मात्रा में तौल कर खाद्यान्न सामग्री को देना है उसी प्रकर भंडरण करने में उसी तौल मशीन में वजन मिलान कर भंडार किया जाए ताकि हमे भी पूरा खाद्यान मिल पाए जो हमारा भी हक है।

इस प्रकार से छत्तीसगढ़ शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालक विक्रेता कल्याण संघ छः सूत्रीय मांग को लेकर 6 से 8 दिसंबर का सभी जिला मुख्यालयों में शांति पूर्ण रूप से धरना प्रदर्शन की जा रही है।

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