छत्तीसगढ़सारंगढ़ बिलाईगढ़

गोबरसिंहा में शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करने वालों पर प्रशासन की बड़ी कार्रवाई: तीन दिवस में जमीन खाली करने का नोटिस जारी

ग्रामीणों की शिकायत पर प्रशासन हरकत में, रसूखदारों में मची हलचल

बरमकेला।सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला अंतर्गत बरमकेला ब्लॉक की ग्राम पंचायत गोबरसिंहा में पिछले कुछ वर्षों से शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा और खरीद-बिक्री का सिलसिला चल रहा था। ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा लगातार इस विषय को उठाए जाने के बाद अब प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। दिनांक 26 सितंबर 2025 को तहसीलदार सरिया के नेतृत्व में प्रशासनिक टीम ने मौके पर पहुंचकर अतिक्रमणकारियों को तीन दिवस के भीतर शासकीय भूमि खाली करने का अंतिम नोटिस जारी कर दिया है।

यह खबर आते ही गांव में हलचल मच गई है। जहां एक ओर ग्रामीणों में प्रशासन की इस कार्रवाई को लेकर खुशी और संतोष देखा जा रहा है, वहीं दूसरी ओर वे लोग जो वर्षों से शासकीय भूमि पर कब्जा कर बैठे थे, दहशत और बेचैनी में हैं। बताया जा रहा है कि कुछ प्रभावशाली लोगों ने शासकीय भूमि पर न केवल कब्जा किया था, बल्कि उसे निजी संपत्ति बताकर दूसरों को बेच भी दिया था। इस पूरे मामले में रसूखदारों की संलिप्तता सामने आने से अब राजनीतिक हलकों में भी चर्चाएं तेज हो गई हैं।

ग्रामीणों की आवाज बनी ताकत

गोबरसिंहा गांव के कई ग्रामीणों ने बीते वर्ष से प्रशासन से मांग की थी कि गांव की शासकीय भूमि पर हो रहे अवैध कब्जे को रोका जाए।

“हमने कई बार शिकायत की थी कि गांव की चरागाह और अन्य शासकीय जमीनों पर कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया है। कई बार इसकी बिक्री भी कर दी गई, जिससे गांव की आम जनता को भविष्य में जमीन के उपयोग में दिक्कत हो सकती है। हम चाहते थे कि इस पर सख्त कार्रवाई हो और अब प्रशासन ने जो कदम उठाया है, वह सराहनीय है।”

रसूखदारों की फजीहत, नेताओं की शरण में पहुँचे

प्रशासन के सख्त रुख के बाद जिन लोगों ने शासकीय भूमि पर कब्जा कर रखा था, वे अब अपनी साख बचाने के लिए सत्ता पक्ष और विपक्षी नेताओं के संपर्क में नजर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि कुछ रसूखदारों ने पिछले कुछ वर्षों में इस जमीन को कई बार बेचा और खरीदा, जिससे कई निर्दोष लोग भी प्रभावित हुए हैं। अब जब कार्रवाई सामने आई है, तो ऐसे कई लोग अपने पैसे और जमीन दोनों को लेकर चिंता में हैं।

गांव के ही एक बुजुर्ग ने नाम न छापने की शर्त पर बताया,

“कुछ लोग खुद को नेता या अफसर का करीबी बताकर जमीन बेचते रहे। गांव के लोग डर के मारे कुछ नहीं बोलते थे, लेकिन अब लगता है कि सच सामने आ गया है।”

प्रशासनिक बुलडोजर की तैयारी?

तहसीलदार सरिया ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि,

“जिन लोगों ने शासकीय भूमि पर कब्जा किया है, उन्हें अंतिम चेतावनी के रूप में तीन दिन का समय दिया गया है। यदि तय समयसीमा में अतिक्रमण नहीं हटाया गया, तो कानूनी कार्रवाई करते हुए बलपूर्वक जमीन खाली कराई जाएगी और दोषियों के विरुद्ध मामला दर्ज होगा।”

इस बयान से अंदाजा लगाया जा रहा है कि यदि अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो जल्द ही प्रशासन बुलडोजर कार्रवाई कर सकता है। ऐसे में अतिक्रमणकारियों में डर बना हुआ है।

गांव में चर्चा का विषय

गांव में अब यही चर्चा है कि क्या वाकई प्रशासन इस बार सख्त रहेगा या फिर राजनीतिक दबाव में कार्रवाई अधूरी रह जाएगी? गांव के युवा वर्ग का कहना है कि यदि यह कार्रवाई पूरी होती है तो यह पूरे क्षेत्र के लिए नजीर बनेगी और भविष्य में कोई भी शासकीय भूमि पर कब्जा करने की हिम्मत नहीं करेगा।

गोबरसिंहा गांव में प्रशासन की इस पहल ने यह स्पष्ट कर दिया है कि शासकीय संपत्ति किसी की निजी जागीर नहीं है और उस पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ अब सख्त कार्रवाई की जाएगी। ग्रामीणों की सामूहिक आवाज और शिकायतकर्ता की लगातार कोशिशें रंग लाई हैं, जिससे यह संदेश गया है कि लोकतंत्र में जनता की आवाज सबसे बड़ी ताकत है।

अब देखना यह होगा कि आने वाले तीन दिनों में अतिक्रमणकारियों की क्या प्रतिक्रिया होती है और क्या प्रशासन सच में बुलडोजर लेकर मैदान में उतरता है या नहीं। लेकिन फिलहाल, गोबरसिंहा में यह मामला गांव से लेकर जिला स्तर तक तूल पकड़ चुका है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button