गरीबों के आशियाने पर चला जेसीबी जलसंसाधन विभाग के नहर में बने अवैध कब्जे पर प्रशासन मौन क्यों
“प्रखरआवाज@न्यूज”
स्वच्छता अभियान के तहत जेलपारा के बेजा कब्जा पर प्रशासन ने चलाया जेसीबी
वार्ड नं 2 मदर टेरेसा गली में नहर के ऊपर बलात निर्माणाधीन भवनो पर प्रशासन की चुप्पी क्यों ?
बड़ी-बड़ी बिल्डिंगों और उसके अगल – बगल के बेजा कब्जा पर क्यों चुप है नगर पालिका ?
वर्षों पुराने जल संसाधन विभाग केडार परिक्षेत्र के नहर पर बेजा कब्जा
सारंगढ़ बिलाईगढ़ न्यूज़/ सारंगढ़ में शनिवार को स्वच्छता अभियान के दरमियान जेलपारा तालाब की साफ सफाई कार्य के बीच जब जिला प्रशासन के अधिकारियों का ध्यान विश्राम गृह से सटे 30 से 40 फीट के बेजा कब्जा भूमि पर पड़ी तो उसे तत्काल तोड़ने का अधिकारियों ने निर्देश जारी कर दिया और स्वच्छता अभियान के दरमियान जेसीबी से बेजा कब्जा हटा दिया गया। जिला प्रशासन के अधिकारियों की इस कार्यवाही पर सभी ने सराहना की और लाजमी भी है सार्वजनिक भवनो, तालाबों, खेल स्थलों के बीच या उनसे लगे जगह पर बेजा कब्जा तत्काल हटाना होता है वहीं दूसरी ओर वार्ड नंबर 2 कॉलेज मोड के सामने मदर टेरेसा वार्ड में जल संसाधन विभाग के वर्षों पुराने नहर को पाट पाट कर कई मकान मालिक धड़ल्ले से बेजा कब्जा कर रहे हैं और उनके हौसले ईतने बुलंद है कि वह उल्टा संबंधित विभाग को ही चैलेंज कर रहे हैं। यहां तक की वहां निवासरत बेजा कब्जाधारियों के पारिवारिक सदस्य नगर पालिका में कई विभागों पर बैठे हैं जो उन्हें सीधा संरक्षण दे रहे हैं वैसे तो सारंगढ़ में बेजा कब्जा अभियान किसी से छुपा नहीं है। नगर के हृदय स्थल में तालाबों के किनारे धड़ल्ले से कई दुकानदारों के द्वारा गुपचुप तरीके से अपने दुकान के पीछे नया दुकान खड़े करने की खबर मीडिया में सुर्खियां बटोर चुकी है। जहां कई अधिकारियों पर लेनदेन का आरोप भी लगा। नगर पालिका के जनप्रतिनिधि उक्त निर्माणाधीन भवनो को लेकर विरोध में खड़े हो गए मगर कुछ दिन बीतने के बाद आज हाल क्या है? यह किसी से छुपा नहीं है। एक और सड़क की व्यवस्था बनाने अधिकारी छोटे घूमटी और ठेले वालों को तो हटा रहे हैं वहीं दूसरी और इन बेजा कब्जा धारी को खुला संरक्षण भी मिल रहा है। क्या अधिकारियों को उक्त जानकारी नहीं है ? या फिर जानकर भी अनजान बन रहे हैं। मदर टेरेसा वार्ड में सरकारी नहर को पाट कर कहीं नाली बनाया जा रहा है तो कहीं कार खड़ा करने की जगह तो कोई कमरे तक का निर्माण कर रहा है और हद तो तब हो गई जब अपने भवन के अगल-बगल के सरकारी भूमि को भी बेजा कब्जा किया जा रहा है। आखिर संबंधित विभाग की अधिकारी जिले के अधिकारी और नगर पालिका मौन क्यों है ? जब गरीबों के आशियाने पर जेसीबी चल सकता है तो अमीरों के महलों पर कार्यवाही क्यों नहीं ?