छत्तीसगढ़

बिलासपुर : तेंदुआ के पटवारी रेवती रमन का नया फर्जीवाड़ा उजागर, शासकीय जंगल की जमीन को दिखाया निजी, फिर कर दी बिक्री

बिलासपुर, कोटा विकासखंड के ग्राम तेंदुआ में पटवारी रेवती रमन सिंह पैंकरा द्वारा एक बार फिर शासकीय भूमि में गंभीर फर्जीवाड़ा किए जाने का मामला सामने आया है। 2015 के पंचसाला रिकॉर्ड के अनुसार खसरा नंबर 77, कुल रकबा 11.748 हेक्टेयर (लगभग 29 एकड़), जो कि “बड़े झाड़ का जंगल” के रूप में दर्ज था, उसे कूटरचित दस्तावेजों के जरिए चार टुकड़ों में विभाजित कर कुछ हिस्सों को निजी लोगों के नाम दर्ज कर दिया गया।

दस्तावेजों से हुआ खुलासा

नईदुनिया के पास उपलब्ध दस्तावेजों के मुताबिक, खसरा नंबर 77 को विभाजित कर बनाए गए टुकड़ों में से:

  • खसरा 77/1 – शासकीय भूमि के रूप में दर्ज, रकबा 6.0820 हेक्टेयर (15 एकड़)
  • खसरा 77/2 – 1.6200 हेक्टेयर (4 एकड़), जिसे ज्योति पति किरण कुमार के नाम पर चढ़ा दिया गया
  • खसरा 77/3 – 2.0230 हेक्टेयर (5 एकड़), मुपेश पिता सीताराम के नाम
  • खसरा 77/4 – लगभग 5 एकड़ भूमि, अनिल जांगड़े (पथरिया निवासी) के नाम पर दर्ज

अनिल जांगड़े ने यह भूमि बलौदाबाजार के गिरधारी लाल वर्मा और पवन कुमार वर्मा को बेच दी। बाद में 3 जून 2025 को फर्जी नामांतरण आदेश क्रमांक CG 2025-26-120-1-288 के आधार पर जमीन की रजिस्ट्री कर दी गई।

पुराने कार्यकाल में भी सामने आई गड़बड़ियां

पटवारी रेवती रमन सिंह पूर्व में आमागोहन और खोंगसरा में पदस्थ रहे, जहां उन्होंने शासकीय जमीन को निजी व्यक्तियों के नाम पर दर्ज किया। जब नए पटवारी द्वारा गांवों में गिरदावरी की गई तो इन गड़बड़ियों का खुलासा हुआ।

शिकायत और निलंबन

कोटा जनपद पंचायत सदस्य अलीबाबा कश्यप ने खसरा नंबर 69, 70 और 77 सहित वन विभाग की कंपार्टमेंट नंबर 2485 की जमीन को फर्जी तरीके से निजी लोगों के नाम दर्ज कराए जाने की शिकायत कलेक्टर बिलासपुर से की थी। प्रारंभिक जांच सिर्फ खसरा नंबर 69/2 पर की गई, जिसमें धोखाधड़ी प्रमाणित होने पर कोटा एसडीएम नितिन तिवारी ने पटवारी रेवती रमन सिंह पैंकरा को निलंबित कर दिया।

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