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सारंगढ़ में निर्विरोध बीडीसी चुनाव पर कांग्रेस-भाजपा आमने-सामने, दोनों ने जताया समर्थन का दावा

 

निर्विरोध चुनी गईं शशिकला मनोज बसंत, कांग्रेस और भाजपा दोनों ने दी बधाई

सारंगढ़। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत गुडेली बीडीसी क्षेत्र से निर्विरोध चुनी गईं शशिकला मनोज बसंत को लेकर सारंगढ़ की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। जहां एक ओर कांग्रेस और भाजपा दोनों ने उन्हें अपने-अपने दल का समर्थन प्राप्त प्रत्याशी बताया है, वहीं इस घटनाक्रम ने क्षेत्र में राजनीतिक सौदेबाजी और जुगलबंदी के चर्चाओं को हवा दे दी है।

दोनों दलों के नेताओं ने पहनाया पार्टी गमछा
शशिकला मनोज बसंत के निर्विरोध चुने जाने के बाद सारंगढ़ की विधायक उत्तरी गणपत जांगड़े के फेसबुक आईडी से उन्हें कांग्रेस का गमछा पहनाकर बधाई दी गई। इस पोस्ट में जिला कांग्रेस अध्यक्ष अरुण मालाकार सहित कई कांग्रेस नेता भी दिखाई दिए। दूसरी ओर, भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष देवेंद्र रात्रें और भाजपा के नवनियुक्त जिला अध्यक्ष ज्योति पटेल ने भी शशिकला को भाजपा का गमछा पहनाकर उन्हें भाजपा समर्थित प्रत्याशी बताया।

राजनीतिक समीकरणों पर उठ रहे सवाल
इस घटनाक्रम के बाद यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि शशिकला बसंत किस पार्टी से जुड़ी हुई हैं या फिर दोनों ही दल उन्हें अपनी राजनीतिक उपलब्धि के रूप में दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। इससे सारंगढ़ की राजनीति में ‘बिना मेहनत वाहवाही लूटने’ की प्रवृत्ति उजागर हो रही है।

सलवा जुडूम की राजनीति के आरोप
स्थानीय राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सारंगढ़ में कांग्रेस और भाजपा के कुछ नेताओं के बीच गुप्त समझौते और जुगलबंदी की राजनीति लंबे समय से चल रही है। यही वजह है कि क्षेत्र में इसे ‘सलवा जुडूम की राजनीति’ कहा जाने लगा है। विधानसभा चुनाव के दौरान भी ऐसे ही राजनीतिक समीकरणों के चलते कई नेताओं की संदिग्ध भूमिका सामने आई थी।

जनता के बीच बढ़ रही चर्चा
इस घटनाक्रम ने राष्ट्रीय दलों की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जनता के बीच यह चर्चा तेज हो गई है कि आखिरकार शशिकला मनोज बसंत किस पार्टी की असली समर्थित प्रत्याशी हैं और क्या वास्तव में यह चुनाव निष्पक्ष रहा या फिर इसमें राजनीतिक समझौतों की भूमिका अहम रही?

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