देशभर में 1 जुलाई से बदल जाएगा आपराधिक कानून, बेहतर ढंग से पालन के लिए पुलिसकर्मियों को दिया जा रहा प्रशिक्षण
जगदलपुर। 1 जुलाई से देशभर में तीन नए आपराधिक कानून लागू होने वाले हैं। अब इन कानूनों के बेहतर ढंग से पालन के लिए पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसी कड़ी में शनिवार को जगदलपुर के शौर्य भवन में संभाग स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें संभाग के बस्तर, कोंडागांव, नारायणपुर, कांकेर, सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले के पुलिस अधिकारियों ने इस प्रशिक्षण में हिस्सा लिया।
इस प्रशिक्षण में भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जानकारी दी गई। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले अधिकारी अब अपने-अपने जिलों में जाकर थाना स्तर के पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण देंगे।
बता दें की केंद्र सरकार द्वारा औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम को खत्म करते हुए नए कानून बनाए हैं। इन नए कानूनों का उद्देश्य देश के नागरिकों को त्वरित न्याय देना है। साथ ही न्यायिक और अदालत प्रबंधन प्रणाली को मजबूत करना है।
धाराओं में हुआ संशोधन
वहीं हत्या की कोशिश के लिए 307 की जगह 109, दुष्कर्म के लिए 376 की जगह 63 होगी। इसके साथ ही ट्रायल कोर्ट के अंदर तीन साल के भीतर फेसला भी सुनना पड़ेगा। पहले IPC कानून md 511 धाराएं शामिल थी।
नए कानून में इनकी संख्या घटकर 358 रह गई है। इनमें 21 नई धाराओं को भी जोड़ा गया है। इसी प्रकार CRPC कानून में 484 धाराएं थी, जो बड़कर 531 हो जाएगी। इसमें 177 नई धाराएं जोड़ी गई है। गिरफ्तारी, जांच और मुकदमा चलना CRPC मे ही होगा.