
पुलिस भर्ती में हुई गड़बड़ी के पूछताछ के बाद आरक्षक अनिल रत्नाकर ने फांसी लगा ली। अनिल रत्नाकर सहित 14 आरक्षकों से शुक्रवार को पूरे दिन पूछताछ हुई। सभी का बयान भी लिया गया। इसके बाद शनिवार को आरक्षक अनिल की पेड़ पर फंदे से लटकी लाश मिली।
आत्महत्या के पहले अनिल ने अपनी हथेली पर लिखा…‘पुलिस भर्ती में कर्मचारियों को फंसाया जा रहा, अधिकारियों को बचा रहे हैं, सब इन्वॉल्व हैं।’ इसके पहले शुक्रवार सुबह अनिल ने अपने बड़े भाई सुनील को फोन किया। किसी दूसरे नंबर पर फोन कर बताया कि उनका मोबाइल जब्त कर लिया गया है।
अफसर 14 पुलिस जवानों को लाइन अटैच कर रहे हैं, इसकी प्रक्रिया पूरी कर ली गई। लेकिन हम दोषी नहीं हैं। शुक्रवार को शाम तक सभी का कथन लिया जाएगा। जो जिम्मेदार हैं, उन पर कार्रवाई नहीं हो रही। बल्कि ड्यूटी में तैनात जवानों को फंसाया जा रहा है। जिस दिन भर्ती में गड़बड़ी हुई थी, उस दिन भर्ती स्थल में अनिल की बतौर मार्शल ड्यूटी लगाई गई थी।
आरक्षक अनिल रत्नाकर जालबांधा पुलिस चौकी में तैनात था, जो मूलत: सरायपाली बसना का रहने वाला है।
6 लोगों की गुपचुप गिरफ्तारी, जेल भी भेज दिया
इधर आरक्षक की आत्महत्या और मामले के तूल पकड़ने के बाद दोपहर में 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। एसपी मोहित गर्ग ने गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि 4 पुलिस जवान और 2 हैदराबाद के कंपनी के कर्मचारी हैं। सभी को न्यायिक रिमांड में भेज दिया गया है। हालांकि पुलिस ने स्पष्ट नहीं किया है कि गड़बड़ी में किसकी क्या भूमिका रही। वहीं किस तरह का लेन-देन सामने आया है। देर शाम तक गिरफ्तार लोगों का नाम तक भी सार्वजनिक नहीं किया गया।
पूर्व सीएम ने एक्स पर लिखा .. सीबीआई जांच कराई जाए पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि राजनांदगांव भर्ती घोटला गंभीर है। अनिल ने अपने हाथ पर जो लिखा वह गंभीरता को बताता है। भ्रष्टाचार हुआ है तो अधिकारियों की भूमिका भी हैं। उन्होंने मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
भाई से फोन पर कहा- हमें बलि का बकरा बना रहे मेरे भाई अनिल का शुक्रवार सुबह फोन आया था। उसने अपना मोबाइल जब्त होने की बात बताई। बताया कि 14 लोगों पर कार्रवाई कर रहे हैं। शुक्रवार शाम को बयान के लिए बुलाया है। हममें कोई दोषी नहीं हैं। जबकि कुछ अफसर ऐसी गड़बड़ी कर रहे। हमें बलि का बकरा बनाया जा रहा। अनिल में बयान के बाद फोन करने की बात कही। लेकिन फोन नहीं आया। सुबह हमें अनिल के आत्महत्या की जानकारी मिली। हमने घटनास्थल पहुंचते तक फंदे से लाश नहीं उतारने की बात कही। मेरा भाई निर्दोष था।