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जंगल में वन्य प्राणी कितनी दूरी पर, आसानी से पता लगा सकेंगे वनकर्मी

बिलासपुर। एटीआर अचानकमार टाइगर रिजर्व का मैदानी अमला अब आसानी से पता लगा लेगा कि वन्य प्राणी कितनी दूरी पर है। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया ने टाइगर रिजर्व प्रबंधन को 50 रेंज फाइंडर दिए हैं, ताकि इसकी मदद से वनकर्मी यह जान सके कि वन्य प्राणी कितनी दूरी पर है। उन्हें संबंधित वन्य प्राणी की पहचान करने में भी आसानी होगी। यह उपकरण सर्वे के दौरान काफी मददगार साबित होगा। इस उपकरण का उपयोग दूरस्थ वस्तुओं की दूरी मापने के लिए किया जाता है। एटीआर प्रबंधन को उपलब्ध कराए गए रेंज फाइंडर अच्छी क्वालिटी का है। इसकी क्षमता 300 फीट तक है। प्रबंधन को इसकी बेहद आवश्यकता भी थी।

इसके अलावा गणना के लिए उपयोगी मोबाइल समेत कई उपकरण दिए हैं। जिससे बेहतर तरीके से बाघ व अन्य वन्यप्राणियों का आकलन किया जा सके। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया (विश्व प्रकृति निधि भारत) की ओर से अचानकमार टाइगर रिजर्व प्रबंधन को समय-समय पर मदद की जाती है। वन्य प्राणी गणना के दौरान ट्रैप कैमरे उपलब्ध कराता है तो वनकर्मियों को जूते, टार्च, रेन कोट, मच्छरदानी जैसी जरूरी चीजों का वितरण करता है, ताकि वनकर्मियों को ड्यूटी के दौरान परेशानी न हो। इसके अलावा एप के जरिए गणना में उपयोग आने वाले 25 मोबाइल भी दिए गए हैं।

बाड़े की सुरक्षा के लिए सोलर फेंसिंग भी दिए मोबाइल व रेंज फाइंडर के अलावा एटीआर को सोलर फेंसिंग भी उपलब्ध कराया गया है। इस फेंसिंग को बाघ व चीतल बाड़े में लगाया जाएगा, ताकि हाथी या अन्य वन्य प्राणी बाड़े को नुकसान न पहुंचा सके। दो किमी बनने वाले इस बाड़े में दूसरे टाइगर रिजर्व से बाघ लाकर रखने की योजना है। इस योजना को मंजूरी भी मिल गई है।

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