रूपल मोटर पार्टस से 5 लाख का सामान पार
कार्यरत कर्मचारियों ने दिया घटना को अंजाम
सारंगढ़ । रूपल मोटर पार्टस के नाम से गणेश राईस मिल के सामने रायगढ़ रोड में मोटर पार्टस बिक्री का दुकान संचालित है। प्रार्थी विजय केशरबानी अपने दुकान संचालन में सहयोग के लिए राहुल सिदार कम्प्यूटर ऑपरेटर ग्राम हरदी, महेन्द्र सिदार कुम्हारपारा सारंगढ़ , रूपेश प्रधान ग्राम साराडीह, गजेन्द्र सोनी व रोशन सोनी ग्राम झिलगिटार, थान सिंह यादव ग्राम झिलगिटार को कर्मचारी के रूप में 3 – 4 वर्ष से रखें थे और वर्तमान में भी वे कार्यरत है । दुकान से लग भग 200-300 मीटर दुरी पर प्रार्थी के मोटर पार्टस की गोदाम भी है।
उपरोक्त कर्मचारीगण काफी लंबे समय से कार्यरत होने के कारण गोदाम एवं दुकान के सामानों सहित जानकारियां लंबे समय से रखते रहें है और प्रार्थी के भरोसे का बेजा फायदा उठाते हुए लगभग 5 लाख का सामान पार कर दियें । प्रार्थी को पड़ोस के प्रकाश गुप्ता के द्वारा रात्रि 10 बजे मोबाईल से सूचित किया गया कि- तुम्हारे दुकान के कर्मचारी रात्रि में क्या काम कर रहे है ? प्रार्थी उस रात पार्टी में था वहां से आकर देखा तब महेन्द्र सिदार निवासी कुम्हारपारा सारंगढ़ मोटर सायकल में केस्ट्राल कंपनी एवं महिन्द्रा कंपनी के
7 – 7 लीटर इंजन ऑयल ले जा रहा था । जिसे प्रकाश गुप्ता, सम्मी केशरवानी की उपस्थिति में पकड़ा गया ।
महेन्द्र सिदार से पुछताछ कियें उसने बताया कि – सभी कर्मचारियों के द्वारा गोदाम और दुकान से सामानों की चोरी किया गया हैं। प्रार्थी द्वारा दुकान के कर्मचारियों से पूछताछ करने बतायें कि – सिमानों की चोरी कर सुनील देवांगन निवासी सारंगढ़ तथा राजा पटेल बरमकेला एवं अन्य खरीददारों को बेचना और पेटीएम, गुगल पे, नगद लेना स्वीकार किए ।
प्रार्थी द्वारा चोरी व विक्रय किए गए समानों का आंकलन करने पर उक्त चोरी गये सामानों की राशि लगभग 5 लाख रूपयों की रही होगी । कर्मचारियों के द्वारा प्रार्थी से विश्वासघात करते हुए प्रार्थी के गोदाम से मोटर पार्टस, इंजन आयल आदि समानों की चोरी कर व विक्रय कर प्रार्थी को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाया है।
कर्मचारियों के विरूद्ध उचित दण्डात्मक कार्यवाही करने का कष्ट करें । आवेदक विजय कुमार केशरवानी आ. श्री रामभरोस केशरवानी ने यह रिपोर्ट दर्ज कराई है । आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं आरोपियों के खिलाफ भादवि के धारा 381,411, 34 पंजीबद्ध किया गया है । समाचार लिखे जाने तक आरोपियों का चालान माननीय न्यायालय में पेश नहीं किया गया था ।