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छत्तीसगढ़ के कैदियों का बढ़ा मानदेय: हाईकोर्ट में शपथ पत्र देकर सरकार ने दी जानकारी, जानिए कितना हुआ इजाफा

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गुरुवार को शपथपत्र प्रस्तुत कर राज्य शासन की ओर से बताया गया कि प्रदेश की जेल में बंद कैदियों का मानदेय बढ़ाया जा रहा है। कोर्ट ने राज्य शासन के जवाब से संतुष्ट होकर याचिका निराकृत कर दी।

जेल के कैदियों का मानदेय बढ़ाने के मामले में गुरुवार को राज्य शासन ने हाईकोर्ट में शपथपत्र दिया। इसमें बताया कि कैदियों की कुशल और अकुशल दोनों श्रेणियों का मानदेय बढ़ाया जा रहा है। मांग पूरी होने के आधार पर चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने याचिका निराकृत कर दी।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश की जेलों में बंदियों को समुचित पारिश्रमिक दिये जाने की मांग को लेकर पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर ने वकील संजय कुमार अग्रवाल के माध्यम से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। गुरुवार को शपथपत्र प्रस्तुत कर राज्य शासन की ओर से बताया गया कि प्रदेश की जेल में बंद कैदियों का मानदेय बढ़ाया जा रहा है। इसके अंतर्गत अकुशल कैदियों को 60 की जगह 80 और कुशल श्रेणी में 75 से बढ़ाकर 100 रुपये प्रतिदिन मानदेय किया जाएगा। कोर्ट ने राज्य शासन के जवाब से संतुष्ट होकर याचिका निराकृत कर दी।
यह है मामला
दायर याचिका में कहा गया था कि प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों को उनके काम के अनुसार पारिश्रमिक दिये जाने का नियम है। इसके अनुसार इन्हें प्रतिदिन के हिसाब से 60 से 75 रुपये तक पारिश्रमिक दिया जाता है। वर्तमान परिस्थतियों में यह कम है। वर्षों से बंदियों को यही पारिश्रमिक दिया जा रहा है, जो आज के समय में पर्याप्त नहीं कहा जा सकता है। इन्हें कलेक्टर दर की तरह ही मेहनताना दिया जाना चाहिए, जो बाद में इनके जीवन में काम आ सके। याचिका में यह जानकारी भी दी गई कि मानदेय बढ़ाने का मामला राज्यसभा में भी उठ चुका है।

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