
सैकडो भक्तों ने शरीर में लिया बाना धारण। कुवार नवरात्रि सप्तमी के दिन सरसीवां मे निकलता है बाना धारण करने वाले भक्त। मां माहामाया के आशिर्वाद से निकलती है बाना जुलुस।
सरसीवा – सरसीवां अंचल में नवरात्रि की धूम मची है । क्षेत्र के गांव गांव के दुर्गा पंडालों व माता के मंदिर में कुछ न कुछ भजन कीर्तन कार्यक्रम हो रहा है और गांव गांव में दुर्गा पंडालों में लोगो की दिन ब दिन भीड़ बढ़ते जा रही है लोगों द्वारा अपने अपने घर परिवार के संग जगह-जगह विराजमान मां दुर्गा के पंडालों में मां के दर्शन व प्रसाद ग्रहण कर रहें हैं ।
जहां सरसीवां में नवरात्रि के पावन पर्व पर सरसीवां में वर्षों से परपंरा चली आ रही है जहां बाना जुलूस निकालने की प्रथा सरसीवां आस-पास के गांव गांव मे प्रचलित है । जहां ये प्रथा हमेशा से आदि शक्ति माँ माहामाया मां के भक्ति भाव और महिमा का अहम हिस्सा रहा है । जिसे बनाये रखने इस वर्ष भी सरसीवां में सप्तमी बुधवार को शाम 3,बजे के आसपास रामनगर पेड्रावन रोड से हर वर्ष बाना जुलूस घसिया बैंगा द्वारा निकाला जाता है ।जिसे देखने के दुर दुर से लोग देखने आते हैं। वहीं भक्तों की भीड़ उमड़ा रहता है ।
जहां बड़ी संख्या में बाना देखने पुरुषों व महिलाओं की भीड़ से बस्ती भरा रहता है। वहीं बाना लेने वाले युवाओं एवं बच्चों के साथ भक्तों में उत्साह देखने को मिला है जहां नगर पंचायत सरसीवां मे रहने वाले बैंगा घसिया कर्ष व उनके भक्तों ने बाना जुलूस निकाला गया । जिसमें भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिला । जहां सरसीवां थाना पुलिस भी शांति एवं याता यात व्यवस्था बनाने में लगीं हुईं थी।
नवरात्रि के पावन पर्व के अवसर पर मां के भक्तों ने बाना जुलूस निकाला जिसे देखने श्रद्धालु भक्तों की भीड़ दोपहर से जुटने लगती थी। जहां बाना जुलूस देखने आने वाले ,गाताडीह, मनपसार ,सकरापाली,मोहतरा,रायकोना टाट, बिलासपुर ,मुड़पार, कोदवा,झुमका,आदि गांव के लोग सहपरिवार आते है वहीँ सप्तमी के दिन सैकडो छोटे बड़े युवा भक्तों द्वारा बाना धारण करते है ।
सरसीवां अंचल क्षेत्र के गांव वाले सप्तमी के दिन मां माहामाया मंदिर में जल रहे ज्योति व निकलने वाले सांग धारण बाना को देखने आते हैं ।जहां स्थानीय निवासी घसिया बैंगा द्वारा सालों से बाना निकाल कर आसपास क्षेत्र के गांवों में बाना धारण के नामो से प्रसिद्व है। जहां भक्तों के आग्रह पर जगह जगह जाकर बाना जुलूस कार्यक्रम संपन्न कराते है ।। वहीं सांग धारण किये भक्तों का कहना है कि माता के प्रति श्रद्धा एवं आशिर्वाद से हम बाना लेते है
जिसके कारण से बाना लेने पर शरीर पर किसी भी प्रकार का प्रतिकूल विपरीत असर नहीं पड़ता है ।थोड़ा दर्द जरूर होता है पर घी एवं नींबू लगाने से दर्द गायब हो जाता है । ये सब मां माहामाया की महिमा है इस कार्यक्रम को देखने क्षेत्र के श्रद्धालु भक्तों की भारी भीड़ रहती है।जो कि मातारानी के जय जय कारे लगाते भक्त आगे बढ़ते है । इन कार्यक्रमों को सफल बनाने में श्रध्दालु भक्तों ,नगर में रहने वाले सभी लोग व साथ ही प्रबुद्ध जन, ग्राम वासियों का सहयोग रहा ।
माता के श्रद्धालू भक्तों ने लोहे के बड़े व छोटे रॉड को अपने शरीर के विभिन्न अंग में चुभाकर बाना लिए हुए है । भक्तों ने मुँह ,जीभ ,कान , नाक गाल ,हाथ ,पेट एवं पैर में बना लेकर मांदर के थाप एवं माता रानी के जय जयकरे के साथ मां आदि शक्ति माहामाया के मंदिर पहुंचे हैं जहां घसिया बैंगा द्वारा बाना धारण करने वाले लोगों द्वारा लिए बाना को निकाल कर माहामाया मंदिर परिसर में मां के चरणों का आशीर्वाद लिया।