
महासमुंद । शासन के निर्देशानुसार एवं कलेक्टर विनय कुमार लंगेह के मार्गदर्शन में जिले में विशेष पिछड़ी जनजाति समूहों के लोगों को लाभ दिलाने हेतु प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत विशेष पिछड़ी जनजाति के बसाहटों को चिन्हांकित कर शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।
सहायक आयुक्त शिल्पा साय ने बताया कि अभी तक कुल 21 बसाहटों में शिविर का आयोजन किया गया है। जिसमें 175 लोगों का आधार कार्ड पंजीयन, जनधन बैंक खाता 127, आयुष्मान कार्ड पंजीयन 128, राशन कार्ड पंजीयन 241, किसान सम्मान निधि पंजीयन 95, महतारी वंदन योजना में 11 महिलाओं का पंजीयन और 94 लोगों का जाति प्रमाण पत्र बनाया गया है। इन शिविरों में सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से वंचित एवं पात्र सभी हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है। शिविर में शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा लोगों को विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग हेतु संचालित योजनाओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी जा रही है।
जिले में 21 अगस्त से अब तक 21 स्थानों पर शिविर का आयोजन हुआ है। जिसमें महासमुंद विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम सिरपुर, खड़सा, जलकी, अचानकपुर, बनपचरी, लभराकला, चुहरी, खट्टी, खड़सा, बनसिवनी एवं झलप में, बागबाहरा विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम हाड़ाबंध, मोहंदी, तुसदा, धरमपुर, जोगीडीपा, कुर्रूभाठा, सिर्रीपठारीमुड़ा एवं जोरातराई तथा पिथौरा विकासखण्ड अंतर्गत भिथीडीह और सोनासिल्ली में शिविर का आयोजन किया गया। इन शिविरों में विशेष रूप से पिछड़ी जनजातियों के लिए आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड, बैंक खाता आदि योजनाओं से जोड़ने हेतु पंजीयन किया गया। इन शिविर में आदिवासी विकास विभाग, राजस्व विभाग, स्वास्थ्य विभाग, जनपद पंचायत, खाद्य विभाग, महिला बाल विकास, लीड बैंक, बिजली विभाग, शिक्षा विभाग, पंचायत विभाग के स्टाल लगाए गए थे।
उल्लेखनीय है कि पीएम जनमन योजना का मूल उद्देश्य कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी), परिवारों और बस्तियों तक बुनियादी सुविधाओं और सेवाओं को पहुंचाकर उनकी सामाजिक, आर्थिक स्थितियों में सुधार करना है। पीएम जनमन योजना अंतर्गत कमजोर जनजाति समूहों के बसाहटों में विभिन्न विभागों के समन्वय से पेयजल, आवास, सड़क, आंगनबाड़ी के माध्यम से पोषण, आजीविका संवर्धन हेतु कौशल विकास जैसे महत्वपूर्ण गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
शिविरों में विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के वंचित लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण में बीपी, शुगर, आंख, खून की जांच कर आवश्यक परामर्श एवं दवाइयां भी प्रदान की जा रही है। विशेष पिछड़ी जनजाति के लोगों को शिविर तक लाने हेतु महिला कर्मचारियों, स्वसहायता समूह द्वारा सहयोग भी किया जा रहा है एवं शिविर की नियमित मॉनिटरिंग हेतु गठित जिला एवं ब्लॉक स्तरीय नोडल अधिकारियों की टीम द्वारा शिविर का निरीक्षण कर संबंधित विभागों की उपस्थिति सुनिश्चित की जा रही है।