महिलाओं ने रखा वट सावित्री व्रत, बरगद की पूजा कर पति के दीर्घायु होने की कामना की
ज्येष्ठ मास की अमावस्या को ये व्रत सुहागिन महिलाएं करती हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन वट वृक्ष की पूजा से पति दीर्घायु होता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति के दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं।
रायपुर: छत्तीसगढ़ में महिलाओं ने अपने पति की लंबी उम्र के लिए वट सावित्री का व्रत रखा। सुहागिन महिलाओं ने आज वट वृक्ष के नीचे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। राजधानी रायपुर में भी महिलाओं ने वट वृक्ष के नीचे बैठ विधि-विधान से पूजा अर्चना की।
मान्यता है कि इस व्रत को रखने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। रायपुर में महिलाओं ने वट सावित्री व्रत रखा, इस दौरान सुहागिन महिलाओं के बीच काफी उत्साह देखने को मिला। शहर के कई स्थानों में वट वृक्ष के नीचे महिलाएं एकत्रित होकर पूरे विधि-विधान से बरगद पेड़ की पूजा की और सत्यवान और सावित्री की कथा का श्रवण भी किया।
इस दिन विवाहित महिलाएं बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं और उसमें कच्चा सूत लपेटती हैं, इस दौरान फल और नैवेद्य भी महिलाएं अर्पित की। इसके बाद अपने पति की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना की।
पति के लंबी आयु के लिए महिलाएं करती है ये व्रत
ज्येष्ठ मास की अमावस्या को ये व्रत सुहागिन महिलाएं करती हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन वट वृक्ष की पूजा से पति दीर्घायु होता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति के दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, सावित्री ने यमराज को अपने पति सत्यवान के प्राण को लौटाने पर विवश किया था। इसलिए विवाहित स्त्रियां पति की लंबी आयु के लिए वट वृक्ष के नीचे व्रत वाले दिन पूजा करती है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, बरगद के पेड़ में त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश का वास होता है। इस पेड़ की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है, क्योंकि बरगद के पेड़ की आयु बहुत लंबी होती है। इसलिए इसे अक्षय वृक्ष भी कहा जाता है। विवाहित महिलाएं बरगद पेड़ की पूजा कर पति की लंबी आयु की कामना करती हैं, इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं।