आखिर कब तक टिकेगी मरम्मत के बल पर ब्लॉक कॉलोनी से गधाभाटा झरपडीह सड़क मार्ग
“प्रखरआवाज@न्यूज़”
बनते ही उखड़ गई थी 2 करोड़ 60 लाख की मुख्यमंत्री सड़क
विधायक की शिकायत के बाद होना था दो कोट मरम्मत, विभाग ने कर दिया एक कोट मरम्मत कार्य
सुनील रामदास ठेकेदार के घटिया निर्माण कार्य की सजा भुगत रहे सारंगढ़वासी
प्रधानमंत्री सड़क अधिकारी पड़े हैं बेशुध, कार्यवाही के नाम पर सुन्न बटे सन्नाटा
सारंगढ़ न्यूज़/ सारंगढ़ अंचल में विगत लम्बे वर्षों से सुनील रामदास फर्म द्वारा कंट्रक्शन कार्य किया जा रहा है। उक्त फर्म द्वारा सड़क निर्माण में इस तरह से लापरवाही और अनियमितता बरती जा रही है की चंद महीनों और सालों में ही उक्त सड़के एक से दो फीट के गड्ढे होकर उखड़ने लगे हैं कभी इनके द्वारा बनाया गया पुल पानी में बह जाता है तो कभी उखड़ती सड़कों में दुर्घटना से ग्रामीण अस्पताल पहुंच रहे हैं। उसके बाद भी प्रशासन के कान खड़े नहीं होते। सूत्रों की मानें तो पूर्व में लेन्ध्रा में निर्माणाधीन सड़क के घपलतशाही और लापरवाही को जब मीडिया कर्मियों के द्वारा उजागर किया गया तो उल्टा उन पर ही शिकायत दर्ज करने की घटना प्रकाश में आई। सारंगढ़ के ग्राम गोड़ा में निर्माणाधीन पुल बरसात के पानी में बह गया। उक्त निर्माणाधीन सड़क के निर्माण कार्य में कई मजदूरों का ट्रैक्टरों का भुगतान तक नहीं दिया गया। जिसके लिए मजदूरों और ग्रामीणों ने चक्का जाम तक कर दिया था।
गौरतलब हो कि सारंगढ़ नगर पालिका क्षेत्र के ब्लॉक कॉलोनी से झरपडीह एवं गधाभाटा पहुंच मार्ग जो चंद सालों में बनकर तैयार हुआ था जगह-जगह से फटने लगा और अब तो आलम यह है उक्त सड़क में जहां प्रतिदिन नगरवासी और ग्रामीण दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं करोड़ों रुपए की लागत से बना हुआ यह सड़क चंद महीनों और सालों में गड्डो में तब्दील हो गया है। समाचार प्रकाशन और शिकायतों के बाद भी संबंधित विभागीय अधिकारी जांच के नाम पर खानापूर्ति करके निकल पड़ते हैं।
विधायक के शिकायत के बाद जांच में अधिकारी तो पहुंचे मगर मरम्मत कार्य रहा आधा अधूरा – मीडिया के निरंतर समाचार प्रकाशन और सारंगढ़ विधायक के उच्च स्तरीय शिकायतों के बाद रायपुर से संबंधित विभागीय अधिकारी और रायगढ़ के जिलाधिकारी पूर्व में उक्त सड़क मार्ग पर जाच में पहुंचे जहां स्थानीय जनप्रतिनिधि पहुंच गए, सड़कों का हाल बद से बदतर था। कहीं गड्ढे कहीं दरारे तो कहीं पर पूरी सड़क ही उखड़ गई थी। उक्त उखड़ती सड़कें अधिकारियों के सामने जीते जागते सबूत थे। अधिकारियों ने तत्काल उक्त सड़क मार्ग को दो कोट डामरीकरण कर मरम्मत करने के निर्देश दिए। ठेकेदार के मातहत कर्मचारी उक्त स्थल में उपस्थित थे कुछ महीनों बाद उक्त सड़क मार्ग का कार्य प्रारंभ हुआ। एक कोट पतला डामर करने के बाद अधिकारियों ने कुछ समय पश्चात दूसरा कोर्ट कर देंने की बात उपस्थित स्थानीय जनप्रतिनिधियों से कहा। उसके पश्चात सालों बीतने के बाद भी आज दूसरा कोट या अन्य कोई मरम्मत का कार्य नहीं हो पाया है और सड़कें पुनः गड्ढे में तब्दील हो चुकी हैं ठेकेदार तो ठेकेदार विभाग की मनमानी और उदासीनता भी चरम पर है।
सूत्रों की माने तो उक्त ठेकेदार भाजपा के बड़े नेता और विधानसभा टिकट के दावेदार के रूप में जाने जाते हैं मल्दा गोड़ा पहुंच मार्ग लेन्ध्रा पहुंच मार्ग साथ ही ब्लॉक कॉलोनी से झरपडीह पहुंच मार्ग अनीमितता एवं लापरवाही जगजाहिर है। अभी वर्तमान में उलखर से बड़े गन्तुली सड़क मार्ग निर्माण कार्य भी भगवान भरोसे है। इनके गुणवत्ता विहीन कार्य को देखकर ग्रामीणों का गुस्सा सातवें आसमान पर है अगर जल्दी इस पर जांच कार्यवाही नहीं की गई और सड़क को नहीं सुधारा गया तो भविष्य में ग्रामीण बड़े आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
एक और ठेकेदारों की अनियमितता लीपापोती कार्यों को देख अधिकारियों ने अपनी आंखें मूंद ली है तो दूसरी ओर ठेकेदार और निजी निर्माण कम्पनियां अपनी झोली भरने में लगीं है फलस्वरूप निर्माण का स्तर बेहद घटिया होने लगा है।