सारंगढ़ विस में सतनामी और गैर सतनामी के टिकट को लेकर भाजपा का फसा पेंच
“प्रखरआवाज@न्यूज”
लंबे समय से संघर्षरत देवेंद्र रात्रे युवा पुरुष प्रत्याशी का पार्टी को मिल सकता है फायदा
सतनामी समाज की बाहुलता चौहान समाज से तीन गुना अधिक
कहीं चुनाव में सतनामी समाज का विरोध न झेलना पड़ जाए भाजपा को
बीजेपी पार्टी के भीतर कांग्रेस नेताओं के करीबी छद्म भाजपा नेता कर रहे साजिश – सूत्र
सारंगढ़ न्यूज़/ भारतीय जनता पार्टी में विधानसभा चुनाव को लेकर सारंगढ़ सीट जीतने के लिए एड़ी चोटी एक कर दी है, निरंतर बार-बार सर्वे और पार्टी फोरम में पार्टी समर्थित युवा पुरुष प्रत्याशी जो समाज से जुडा हो, कार्यकर्ताओं के बीच सर्वमान्य, विनिंग कैंडिडेट की तलाश को लेकर दावेदारों के बीच अब महज पार्टी दो-तीन नाम पर आकर अटक गई है। पार्टी में सतनामी और गैर सतनामी की रणनीति को लेकर सारंगढ़ सीट में पेच फस गया है। जिस विधानसभा में चौहान समाज की बहुलता है वहां समाज को नजर अंदाज करने और सारंगढ़ सीट पर विचार करने की चर्चा जोरों पर है। वैसे तो पूरे अंचल में इस बार पुरुष प्रत्याशी की मांग आम जनता के बीच से उठ रही है निरंतर चार बार महिला प्रत्याशियों के विधायक बनने को लेकर पुरुष प्रत्याशी की मांग बलवती है।
राजनीतिक सूत्रों की माने तो गैर सतनामी के रूप में केड़ार छेत्र से पूर्व जिला पंचायत सदस्य श्रीमती शिवमति सारधन चौहान का नाम एकाएक उभर कर सामने आया है लेकिन राजनीति की विसात की चालो को यदि गंभीरता से समझा जाए तो कांग्रेस नेताओं के वफादार चंद भाजपा के नेता जिन्होंने पूर्व चुनाव में कांग्रेस को जिताने में अपनी अहम भूमिका निभाई थी, इस बार भी वह सक्रिय है अगर सारधन चौहान को टिकट मिलता है तो मानो कांग्रेस का रास्ता साफ है और सतनामी बहुलता को लेकर सतनामी वोट बैंक का कांग्रेस को फायदा मिलेगा और कहीं ना कहीं भाजपा के ऊपर सतनामी विरोधी का तमगा लग जाएगा और अगर किसी कारणवश चौहान दावेदार को टिकट नहीं मिलता है तो चौहान समाज रुष्ट होगा और उस पर भी कांग्रेस को लाभ मिलेगा,
कहीं ना कहीं पार्टी को भाजपा के चिन्हांकित चंद कांग्रेस हितैषी नेताओं को पहचाना होगा नहीं तो पूर्व चुनाव की तरह इस बार का चुनाव भी जय राम जी की हो जाएगा।
सतनामी समाज से देवेंद्र रात्रे, हरिनाथ खूंटे, मनोज लहरे जैसे चर्चित युवाओं के नाम सर्वे में सामने आए हैं, जिसमें देवेंद्र रात्रे के नाम पर लगभग आम समिति बनने की खबर है कहीं ना कहीं बाकी दावेदारों को पार्टी आलाकमान ने हिंट भी कर दिया है, पितृपक्ष के बाद भाजपा की सूची में सारंगढ़ सीट के प्रत्यासी का नाम शुमार हो जाएगा। उसके पहले कई विधानसभा सीटों में सिंगल नाम को लेकर विवाद की स्थिति साफ नजर आ रही है जिससे पार्टी आलाकमान ने छत्तीसगढ़ प्रदेश के नेताओं को दिल्ली तलब किया है। जहां सारंगढ़ सीट पर भी चर्चा हो सकती है, ऐसी स्थिति में सारंगढ़ भाजपा सतनामी और गैर सतनामी के मकड़ जाल में फसती दिख रही है।
सारंगढ़ भाजपा के रणनीतिकार और वरिष्ठ नेता निश्चित रूप से इस बार पार्टी को जिताने में सही निर्णय ले पाएंगे या फिर इस बार भी हमेशा की तरह आलाकमान की जय बोलेंगे।