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2000 के नोट बंद करने पर अनिका विनोद ने साधा प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना

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“प्रखरआवाज@न्यूज”

सारंगढ़ः ब्लॉक कांग्रेस कमेटी महामंत्री, जिला पंचायत सभापति सहकारिता एवं उद्योग रायगढ़, अध्यक्ष रीपा जिला पंचायत रायगढ़, सदस्य जिला योजना समिति, सदस्य अनुसूचित जाति / जनजाति (अत्याचार निवारण), सतकर्तकता एवं मॉनिटरिंग समिति रायगढ़ श्रीमती अनिका विनोद भारद्वाज ने बीते दिनों 2000 के नोट बंद के करने के मोदी सरकार के फैसले पर निशाना साधते हुए मोदी सरकार और भाजपा पर सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि नोट बंद करने के क्या कारण हैं आरबीआई बताए। मोदी सरकार ने खुद के फैसले को सात साल में ही बदल दिया। अचानक बंद क्यों किया गया। पहले तो कालाधन खत्म होने और नोट में नैनो चिप लगे होने की बड़ी-बड़ी बातें कही गई थीं। इसकी छपाई में ही सैकड़ों करोड़ रुपए खर्च हुए थे। केंद्र सरकार की गलत नीतियों और नोटबंदी, जीएसटी, लॉकडाउन जैसे गलत फैसलों और आईटी, ईडी के चलते ही बड़े व्यापारी देश छोड़कर जा रहे हैं। 2016 में केन्द्र ने दो हजार रुपए का नोट बाजार में लाया अब 2023 में इसे खत्म कर दिया। ये तो खुद के फैसले को ही बदल रहे हैं। शासकीय धन का ऐसे दुरूपयोग किया जा रहा है। इसकी छपाई में ही करीब 1700 करोड़ रुपए लग गए थे। ये देश के लोगों और आयकर दाताओं का पैसा है। क्या ऐसे फैसले होते हैं कि जब चाहे शुरू कर दें, जब चाहे खत्म कर दें। अब कौन सा नोट चालू करेंगे ये भी बता दें। कहीं ये देश को क्रिप्टोकरेंसी, डिजिटल लेनदेन की तरफ तो नहीं धकेल रहे। कांग्रेस नेत्री अनिका विनोद भारद्वाज ने कहा कि जब 2016 में दो हजार का नोट आया तब मिडिया में खबर आई और यह कहा गया कि जमीन के अंदर डेढ़ सौ फीट तक दबा दें, तो भी सेटेलाइट से पता चल जाएगा कि कालाधन कहाँ है। इसे कालाधन खत्म करने लाया गया था। कालाधन तो खत्म नहीं हुआ पर नोट का ही अस्तित्व खत्म कर दिया। इसे लाया क्यों गया था, ये ही पता नहीं। पहले ही देश को इनके नोटबंदी, जीएसटी, लॉकडाउन जैसे फैसलों ने तबाह कर दिया है और अभी भी ऐसे फैसलों से देश का नुकसान ही हो रहा है। उक्त बातें प्रेस के माध्यम से कांग्रेस नेत्री अनिका विनोद भारद्वाज के द्वारा कही गई।

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