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छत्तीसगढ़ में डेयरी उद्योग को सशक्त बनाने नई पहल, NDDB के सहयोग से पायलट प्रोजेक्ट शुरू

राज्य में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने और पशुपालकों की आय दोगुनी करने की योजना

छत्तीसगढ़ सरकार ने डेयरी उद्योग को मजबूत करने और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के सहयोग से एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने का निर्णय लिया है। इस परियोजना का उद्देश्य किसानों और पशुपालकों की आय में वृद्धि करना और डेयरी क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों को शामिल करना है।

5 करोड़ का निवेश, बुनियादी ढांचे से लेकर प्रशिक्षण तक फोकस सरकार इस प्रोजेक्ट पर लगभग 5 करोड़ रुपए खर्च करेगी, जिसका उपयोग डेयरी उद्योग के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, पशुपालकों को तकनीकी सहायता प्रदान करने और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन में किया जाएगा। आधुनिक तकनीक और संसाधनों की मदद से पशुपालकों को अधिक दुग्ध उत्पादन करने में सहायता मिलेगी।

प्रारंभिक चरण में 6 जिलों में होगा क्रियान्वयन पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत छत्तीसगढ़ के 6 जिलों से की जाएगी, जिनका चयन डेयरी उद्योग की संभावनाओं और पशुपालन की स्थिति के आधार पर किया गया है। सरकार का लक्ष्य है कि इन जिलों में सफलता मिलने के बाद इस योजना को पूरे राज्य में लागू किया जाए।

किसानों और पशुपालकों को मिलेगा सीधा लाभ यह प्रोजेक्ट किसानों और पशुपालकों के लिए फायदेमंद साबित होगा। उन्हें उन्नत नस्ल के पशु, बेहतर चारा और आधुनिक दुग्ध उत्पादन तकनीकें उपलब्ध कराई जाएंगी। साथ ही, प्रशिक्षण के माध्यम से उन्हें अपनी उत्पादकता बढ़ाने और बाजार में बेहतर मूल्य प्राप्त करने के अवसर मिलेंगे।

छत्तीसगढ़ को दुग्ध उत्पादन में अग्रणी बनाने की दिशा में कदम सरकार का उद्देश्य है कि इस पहल से राज्य में दुग्ध उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हो और छत्तीसगढ़ देश के अग्रणी दुग्ध उत्पादक राज्यों में शामिल हो सके।

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