कोयला घोटाला: निलंबित IAS रानू साहू, सौम्या चौरसिया और सूर्यकांत तिवारी को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत

नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित कोयला लेवी घोटाले में फंसे निलंबित IAS अधिकारी रानू साहू, सौम्या चौरसिया और व्यवसायी सूर्यकांत तिवारी को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। सोमवार, 3 मार्च 2025 को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने यह राहत दी। हालाँकि, यह केवल अस्थायी जमानत है और जांच प्रक्रिया अभी जारी है।
12 आरोपियों को मिली राहत
सुप्रीम कोर्ट ने रानू साहू, सौम्या चौरसिया और सूर्यकांत तिवारी समेत कुल 12 आरोपियों को अंतरिम जमानत दी है। यह जमानत एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) से जुड़े मामले में दी गई है, जिसमें आरोप है कि कोयला परिवहन से अवैध वसूली की गई थी। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में यह सामने आया था कि इस घोटाले के तहत करोड़ों रुपये की हेराफेरी हुई है।
ED ने किया था गिरफ्तार
ईडी की जांच के बाद ACB ने कार्रवाई करते हुए IAS रानू साहू, सौम्या चौरसिया और सूर्यकांत तिवारी को गिरफ्तार किया था। इनके अलावा दीपेश टॉक, राहुल कुमार सिंह, शिव शंकर नाग, हेमंत जायसवाल, चंद्रप्रकाश जायसवाल, संदीप कुमार नायक, रोशन कुमार सिंह और शेख मोइनुद्दीन कुरैशी को भी इस घोटाले में गिरफ्तार किया गया था।
क्या है छत्तीसगढ़ का कोयला घोटाला?
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छत्तीसगढ़ में छापेमारी कर अब तक 570 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की है। जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक आईएएस समीर बिश्नोई ने 15 जुलाई 2020 को व्यापारियों से अवैध वसूली के लिए ऑनलाइन परमिट को ऑफलाइन करने का आदेश जारी किया था। इस घोटाले के मास्टरमाइंड के तौर पर व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को देखा जा रहा है, जबकि सौम्या चौरसिया की भी इसमें अहम भूमिका मानी जा रही है।
कैसे हुआ घोटाला?
ईडी के अनुसार, सूर्यकांत तिवारी ने 25 रुपये प्रति टन की दर से कोयला व्यापारियों से अवैध उगाही के लिए एक सिंडिकेट बनाया था। इस अवैध वसूली के बाद ही खनिज विभाग व्यापारियों को पीट पास और परिवहन पास जारी करता था।
अब तक कौन-कौन हुआ गिरफ्तार?
✔ IAS रानू साहू – 2023 में गिरफ्तार
✔ IAS सौम्या चौरसिया – 2022 में गिरफ्तार
✔ IAS समीर विश्नोई – 2022 में गिरफ्तार
✔ व्यापारी सूर्यकांत तिवारी – मुख्य आरोपी, जेल भेजे गए
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले की जांच लंबी चल सकती है, इसलिए समय को ध्यान में रखते हुए आरोपियों को अंतरिम जमानत दी जा रही है। ये सभी पिछले दो वर्षों से अधिक समय से जेल में थे और उनकी पहले की जमानत याचिकाएं खारिज हो चुकी थीं।
जांच जारी, आगे क्या होगा?
हालांकि आरोपियों को अंतरिम जमानत मिली है, लेकिन इस मामले की जांच अभी भी जारी है। ईडी और एसीबी आगे की कानूनी कार्रवाई कर रही हैं, और इस घोटाले में जुड़े अन्य लोगों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
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