मनोज बाजपेयी की दमदार एक्टिंग लेकिन कहानी में नयापन नहीं, बदले पर बनी ये फिल्म दर्शकों से भी बदला ही लेती है
मनोज बाजपेयी की फिल्म भैया जी आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है. अगर आप फिल्म देखने का प्लान बना रहे हैं तो पहले पढ़ लें रिव्यू.
मनोज बाजपेयी आज के दौर के वो एक्टर हैं जिनकी रेंज जबरदस्त है, 2023 में वो गुलमोहर, एक बंदा काफी है और ज़ोरम से ये साबित कर चुके हैं. भैया जी उनकी 100th फिल्म है. उन्होंने फिल्म को प्रोड्यूस भी किया है उनकी पत्नी फिल्म की प्रोड्यूसर हैं. यहां मनोज बाजपेयी की दमदार एक्टिंग फिर से दिखती है लेकिन कहानी में नयापन नहीं है.
कहानी
भैया जी अपनी शादी की तैयारी में लगे हैं और दिल्ली से अपने छोटे भाई के आने का इंतजार कर रहे हैं. उनका भाई स्टेशन पर पहुंच जाता है लेकिन वहां एक दबंग का भाई एक कहासुनी के बाद उसकी जान ले लेता है. जब ये बात भैया जी को पता चलती है तो हिंसा छोड़ चुके भैया जी बदला लेते हैं. वो किस तरह से बदला लेते हैं यही फिल्म की कहानी है.
कैसी है फिल्म
ये फिल्म देखते हुए लगता है कि ये 20 से 25 साल पहले आई होती तो कमाल लगती लेकिन आज की तारीख में जहां रियलिस्टिक फिल्मों का ज़माना है. ये फिल्म बासी लगती है, मनोज बाजपेयी खुद इतना कमाल का काम का चुके हैं कि ये फिल्म उनके स्टैंडर्ड को डाउन करती है. फिल्म जल्द मुद्दे पर भी आ जाती है, एक्शन भी ठीक है, लेकिन फिल्म पुरानी सी लगती है. सिंगल स्क्रीन पर ये फिल्म पसंद की जा सकती है लेकिन आज की जनरेशन को ये फिल्म पसंद नहीं आएगी.
एक्टिंग
मनोज बाजपेयी की एक्टिंग कमाल है, वो जिस तरह से ये किरदार निभाते हैं वो फिर से साबित करता है कि वो कमाल के एक्टर हैं. चाहे भाई की मौत पर इमोशनल होना तो या फिर बदला लेने के लिए तांडव मचाना, मनोज हर सीन में छाप छोड़ते हैं. वही इस फिल्म की जान हैं. विपिन शर्मा पुलिसवाले के किरदार में जमे हैं. सुविंदर विक्की कमजोर विलेन लगते हैं वो वैसा खौफ नहीं पैदा कर पाते जिसकी जरूरत थी. जोया हुसैन ठीक ठाक हैं
डायरेक्शन
अपूर्व सिंह कार्की ने फिल्म को डायरेक्ट किया है. उन्होंने एक बंदा काफी है जैसी शानदार फिल्म बनाई थी लेकिन यहां वो चूक गए कहानी के सलेक्शन में. वो ये फिल्म 20 साल पहले बनाते तो उनकी तारीफ होती लेकिन आज उनसे बेहतर की उम्मीद है.
कुल मिलाकर ये फिल्म मनोज बाजपेयी की शानदार एक्टिंग के लिए ही देख सकते हैं.