अधिकारियों से चर्चा कर कलेक्टर डॉ कन्नौजे ने दिया वृक्षारोपण का लक्ष्य

एक पेड़ माँ के नाम 2.0 अभियान का आयोजन सितम्बर तक होगा
सारंगढ़ बिलाईगढ़, 10 जून 2025/प्रकृति संतुलन, दिनोदिन बढ़ते जलवायु परिवर्तन को स्थिर रखने और वृक्षारोपण को बढ़ावा के उद्देश्य से कलेक्टर डॉ संजय कन्नौजे द्वारा कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में वृक्षारोपण, एक पेड़ माँ के नाम 2.0 अभियान के संबंध में विभागीय अधिकारियों से चर्चा किया गया और सभी विभागों को बड़ी संख्या में वृक्षारोपण करने का लक्ष्य दिया गया। कलेक्टर ने कहा कि वृक्षारोपण कार्यक्रम के माध्यम से पर्यावरण को बचाना, हम सभी नागरिकों का कर्तव्य है। जल संरक्षण, जल संरचनाओं के निर्माण, जल वाहिनी समिति, एक पेड़ मां के नाम, अमृत सरोवर आदि कार्यक्रम के माध्यम से सामाजिक स्तर पर सभी नागरिकों का पौधारोपण में अपनी सहभागिता की जरूरत है। सभी स्कूल कॉलेज के विद्यार्थियों, शहरी और ग्रामीण नागरिकों को इसमें शामिल करने के लिए प्रेरित करने जिला शिक्षा अधिकारी और सभी सीईओ को कलेक्टर ने निर्देशित किया। कलेक्टर ने वृक्षारोपण में शहीद परिवार, जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों को अतिथि के रूप में शामिल कर वृक्षारोपण कार्यक्रम को सफल बनाने के निर्देश दिए।
विश्व पर्यावरण दिवस 2024 पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू किए गए एक पेड़ माँ के नाम अभियान ने नागरिकों को अपनी माताओं और धरती माता के सम्मान में पेड़ लगाने के लिए प्रेरित किया। इस अभियान में व्यापक भागीदारी देखी गई, जिसमें 141 करोड़ से अधिक पौधे लगाए गए और अंतर्राष्ट्रीय जलवायु सम्मेलन COP28 जैसे मंचों पर वैश्विक भागीदारी हुई। एक पेड़ माँ के नाम 2.0 (2025) का शुभारंभ 5 जून को किया गया। अब 5 जून से 30 सितंबर, 2025 तक चलने वाला दूसरा चरण स्कूलों और छात्रों पर केंद्रित है, जिसमें स्कूल परिसर और उसके आसपास तथा शहरी, ग्रामीण क्षेत्रों में वृक्षारोपण पर जोर दिया जाएगा। मियावाकी तकनीक का उपयोग करके सूक्ष्म वनों को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
वृक्षारोपण कार्यक्रम में बहु-मंत्रालयी और हितधारक सहयोगः आठ केंद्रीय मंत्रालय प्रमुख राष्ट्रीय कार्यक्रमों (जैसे, मनरेगा, जल शक्ति अभियान, स्वच्छ भारत मिशन) के साथ मिलकर इस पहल का नेतृत्व कर रहे हैं। राज्यों, समुदायों, गैर सरकारी संगठनों, कॉरपोरेट्स और छात्रों की सक्रिय भागीदारी अभियान की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है। शहरी हरियाली के लिए सूक्ष्म वन के लिए जैव विविधता को बहाल करने, वायु गुणवत्ता में सुधार करने और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं को बढ़ाने के लिए सीमित शहरी स्थानों में मियावाकी-आधारित सूक्ष्म वनों को बढ़ावा दिया जाएगा। लाभों में ऑक्सीजन में वृद्धि, कार्बन डाई ऑक्साइड में कमी, स्थानीय वन्यजीव समर्थन और युवाओं में पर्यावरण जागरूकता शामिल है।
वृक्षारोपण कार्यक्रम में वास्तविक समय निगरानी और आंकलन के सभी गतिविधियों को मेरीलाइफ पोर्टल पर ट्रैक किया जाएगा, जिसमें राज्य जवाबदेही और स्थिरता के लिए मानकीकृत प्रोटोकॉल का उपयोग करके 2024 और 2025 दोनों अभियानों से वृक्षारोपण के अस्तित्व और रखरखाव का आंकलन करेंगे।वृक्षारोपण कार्यक्रम में सरोवरों के आसपास खुले जिम, पैदल पथ, चौपाल और सांस्कृतिक मंचों के साथ सामुदायिक बुनियादी ढांचे का विकास करना ताकि उन्हें ग्रामीण जीवन का केंद्र बनाया जा सके शामिल है। देशी वृक्ष बफर (नीम, पीपल, बरगद), नियमित रूप से गाद निकालने, वर्षा जल संचयन, जल गुणवत्ता निगरानी और एक पेड़ माँ के नाम जैसे पर्यावरण- अभियानों के माध्यम से पर्यावरण और जल स्थिरता सुनिश्चित करने में सहायक है।