एम्स बिलासपुर में राष्ट्रीय जीवन रक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न, 24 पैरामेडिकल कर्मियों को मिली आपात चिकित्सा की विशेष ट्रेनिंग

बिलासपुर । आपात चिकित्सा सेवाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में एक अहम पहल के तहत एम्स बिलासपुर में 19 से 21 जून तक तीन दिवसीय राष्ट्रीय आपातकालीन जीवन रक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण में प्रदेश और आसपास के मेडिकल कॉलेजों से आए 24 पैरामेडिकल स्वास्थ्यकर्मियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम का आयोजन एम्स नई दिल्ली के जेपीएन एपेक्स ट्रॉमा सेंटर के सहयोग से किया गया और इसका संचालन भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ द्वारा किया गया। इस मौके पर प्रतिभागियों को ट्रॉमा, आकस्मिक दुर्घटनाओं और गंभीर चिकित्सा परिस्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया और उपचार की आधुनिक विधियां सिखाई गईं।
कार्यक्रम का उद्देश्य:
एम्स के कुलपति डॉ. राकेश कुमार सिंह ने बताया कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य प्रदेश के चिकित्सा संस्थानों में कार्यरत स्वास्थ्यकर्मियों को आपातकालीन जीवनरक्षक तकनीकों से दक्ष बनाकर उन्हें प्रशिक्षक के रूप में तैयार करना है, ताकि वे अपने संस्थानों में अन्य कर्मियों को प्रशिक्षित कर सकें।
शुभारंभ और सहभागिता:
कार्यक्रम का उद्घाटन एम्स बिलासपुर के निदेशक डॉ. डीएन शर्मा और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दिनेश वर्मा ने किया। डॉ. शर्मा ने इसे प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक “महत्वपूर्ण मील का पत्थर” बताया।
इस प्रशिक्षण में एम्स बिलासपुर के 10 स्वास्थ्यकर्मी तथा हिमाचल प्रदेश के शिमला, टांडा, हमीरपुर, मंडी और चंबा मेडिकल कॉलेजों से आए 14 प्रतिभागी शामिल हुए।
प्रभाव और भविष्य की योजना:
प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले ये स्वास्थ्यकर्मी अब अपने-अपने संस्थानों में अन्य कर्मियों को प्रशिक्षित करेंगे, जिससे राज्य का चिकित्सा तंत्र और अधिक सक्षम एवं आपात परिस्थितियों में तैयार हो सकेगा।