अज्ञात बुजुर्ग का समाजसेवी सतीश यादव ने कराया सम्मानजनक अंतिम संस्कार, सेवा भारती ने फिर निभाई इंसानियत

जब समाज ने छोड़ा साथ, सेवा भारती बनी सहारा
ग्राम कांदुरपाली में 80 वर्षीय बुजुर्ग की मौत के बाद शव पड़ा रहा घंटों तक
सारंगढ़-बिलाईगढ़। ग्राम कांदुरपाली में मानवता को झकझोर देने वाली घटना सामने आई, जहां एक 80 वर्षीय अज्ञात बुजुर्ग की मृत्यु के बाद न कोई परिजन सामने आया, न ही गांव वालों ने अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी उठाई। शव कई घंटे तक यूं ही पड़ा रहा, लेकिन किसी ने उसे हाथ तक नहीं लगाया।
पत्रकार रामकुमार की सूचना पर सेवा भारती ने निभाया मानव धर्म
स्थानीय पत्रकार रामकुमार ने जैसे ही इस संवेदनशील मामले की जानकारी सेवा भारती अध्यक्ष सतीश यादव को दी, संस्था ने तुरंत मोर्चा संभाला। बिना देर किए सतीश यादव अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार बुजुर्ग का अंतिम संस्कार गांव में ही कराया।
सेवा भारती ने फिर रचा मानवता का उदाहरण, पहले भी निभाई कई बार यह भूमिका
सेवा भारती पूर्व में भी लावारिस और अज्ञात शवों के अंतिम संस्कार कर मानवता का धर्म निभा चुकी है। इस बार भी संस्था ने यह साबित किया कि जब समाज चुप हो जाता है, तब समाजसेवी संवेदनशीलता के साथ आगे आते हैं।
अंतिम संस्कार में रहे ये लोग शामिल, इंसानियत का दिया संदेश
इस सेवा कार्य में समाजसेवी सतीश यादव के साथ सरपंच जीतू पटेल, पूर्व सरपंच अनिल बेहरा, भूपेंद्र, धर्मेंद्र, योगेंद्र सहित सेवा भारती के अन्य सदस्य भी उपस्थित रहे। इन सभी ने मिलकर यह संदेश दिया कि इंसानियत आज भी जीवित है।
संवेदनशीलता और सेवा ही आज के समाज की असली ज़रूरत है
यह घटना सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि उस सामाजिक जिम्मेदारी की पुकार है, जो हर इंसान के भीतर होनी चाहिए। सेवा भारती की यह पहल एक बार फिर साबित करती है कि संवेदनशीलता और सेवा ही सच्चे समाज की पहचान हैं।